आवाज के जादूगर रफी साहब अपने गानों की वजह से हमेशा सबकी यादों में रहेंगे. ऐसी खासियत वाले रफी ने अपनी पहली स्टेज परफॉर्मेंस 13 साल की उम्र में दी थी. इस कार्यक्रम में दर्शकों में बैठे संगीतकार श्याम सुंदर को रफी की आवाज भा गई और उन्हें मुंबई आने का न्योता दे डाला. इन्हीं के निर्देशन में रफी ने अपना पहला गाना 'सोनिये नी हिरीये' गाया. यह एक पंजाबी गाना था. रफी साहब का पहला हिंदी गाना साल 1944 में नौशाद के संगीत निर्देशन में 'हिन्दुस्तान के हम है' था. आज उन्हें याद करते हुए इस वीडियो में देखें सात अवॉर्ड विनिंग गाने.
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