भीलवाड़ा जिला मुख्यालय से सटा हुआ 2 लाख 31 हजार मतदाताओं वाला मांडल विधानसभा क्षेत्र बीजेपी और कांग्रेस को बारी-बारी से जीत की माला और हार का गम देता रहा है. यहां से वर्तमान में बीजेपी के कालूलाल गुर्जर विधायक हैं जिन्होंने कांग्रेस के वर्तमान जिलाध्यक्ष रामपाल शर्मा को 40 हजार से भी अधिक मतों से शिकस्त दी थी. गुर्जर को इस बार तो मुख्य सचेतक के रूप में ही संतोष करना पड़ा मगर इससे पूर्व 1990 में बीजेपी ने इन्हें राज्य मंत्री और 2003 में काबिना मंत्री के रूप में तवज्जो दी थी. कालू लाल गुर्जर और कांग्रेस के बिहारी लाल पारीक दो ही ऐसे नेता रहे जिन्हें लगातार दो बार यहां से जीतने का मौका मिला है. बाकी वैसे तो दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे शिवचरण माथुर के भी विधायक बनने की शुरुआत इसी मांडल विधानसभा क्षेत्र से 1967 के चुनाव से हुई थी. माथुर अपने मित्र और तत्कालीन प्रधान विजय सिंह को 1971 के चुनाव में यहां की बागडोर संभलाकर मांडलगढ़ चले गए थे और फिर लगातार सात बार वहीं से चुनाव लड़ते रहे.
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