बाड़मेर की हस्तकला को कभी मंच ढूंढने की जरूरत हुआ करती थी लेकिन आज बदले दौर के साथ यहां के हस्तशिल्प की विदेश में बड़ी पहचान बन चुकी है. राजस्थानी परिधानों से निकल कर यहां की कारीगरी अब वेस्टर्न कपड़ों पर नजर आएगी. सरहदी बाड़मेर के हूनर की गूंज गांव की पगडंडियों से निकल कर अब मेट्रो की तेज दौड़ती जिंदगी में रचने बसने जा रही है. बाड़मेर के हुनरमंद हाथों से बने सतरंगी परिधानों और महीन कारीगरी को अब तक लोगों ने राजस्थानी परिधानों पर देखा है. कारीगरी अब वेस्टर्न पैटर्न के कपड़ों पर नजर आएगी. ग्रेटर नोएडा में 14 अक्टूबर से होने वाले एशिया के सबसे बड़े आईएसजे दिल्ली फेयर के फैशन शो में पश्चिमी परिधानों पर बाड़मेर के एप्लिक, एम्ब्रोडरी का काम नजर आएगा. चेतना संस्थान के विक्रम सिंह के मुताबित इस मंच के साथ-साथ इसी माह 23 तारीख से जयपुर के डिग्गी पैलेस में आयोजित होने वाले राजस्थान हेरिटेज में भी इसका जलवा नजर आएगा.
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