इस गांव के 600 बेटे है सेना में, आतंकियों को धूल चटाने का जश्न भी रहा खास

प्रथम विश्व युद्ध से लेकर पड़ोसी देशों से भारत के अब तक हुए हर युद्ध में दुश्मन के खिलाफ इस गांव के बेटों ने अपने साहस का परिचय दिया है. यहां की पांच पांच पीढ़ियों ने देश सेवा की परंपरा को निभाया है. करीब 1500 घरों की आबादी वाला राजस्थान का धनूरी गांव कायमखानी मुस्लिम बहुल है. यहां की करीब 90 फीसदी आबादी कायमखानियों की है. वर्तमान में भी सबसे ज्यादा फौजी इसी गांव में हैं. गांव के करीब 600 बेटे अभी सेना में रहकर देश सेवा कर रहे हैं. मंगलवार को पाकिस्तान में आतंकियों को धूल चटाने वाली भारतीय वायु सेना की कार्रवाई का जश्न भी यहां खास अंदाज में मनाया गया. विंग कमांडर अभिनंदन की वतन वापसी को लेकर भी यहां के लोगों ने खुशी का इजहार किया है. बता दें कि अपने शौर्य और पराक्रम से दुश्मन के दांत खट्टे करने वाली इस भारतीय सेना में शेखावाटी के सपूत अहम भूमिका निभाते हैं. प्रदेश में ऐसे कई गांव हैं, जहां के परिवारों की पांच-पांच पीढ़ियां देश सेवा में सेवारत हैं और ऐसा ही यह गांव धनूरी भी है जो झुंझुनूं जिले में स्थित है.

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