यूक्रेन के पुलतावा में फंसे छात्रों की दास्तां: न बस मिल रही और न ही ट्रेन का कोई इंतजाम, हमें बहुत डर लग रहा

हमारा यूक्रेन बॉर्डर तक पहुंचना नामुमकिन हो गया है। इसके अलावा हम हॉस्टल में भी सुरक्षित नहीं हैं। हमें सायरन बजते ही जान बचाने के लिए बंकर की तरफ भागना पड़ता है।

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